Activities

आर.के.वी.वाई योजना के तहत प्राकृतिक खेती के विस्तार पर जागरूकता कार्यक्रम और प्रशिक्षण

प्राकृतिक कृषि तकनीकों के संबंध में किसानों की क्षमता निर्माण हेतु कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र में गंजीवामृत जीवामृत बीजामृत नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र अग्निआस्त्र, दशपर्णी आदि जैसे प्राकृतिक कृषि आदानों की तैयारी के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। व्यावहारिक कक्षाओं के माध्यम से प्रशिक्षुओं को प्राकृतिक खेती के तहत मल्चिंग और वापसा तकनीकों का भी प्रदर्शन किया गया। केवीके टीम द्वारा प्रतिभागियों को प्राकृतिक खेती के तहत अन्य लागू तकनीकों के साथ-साथ मिश्रित फसल और अंतर-फसल पहलुओं का वर्णन किया गया। किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक करने के लिए घटेरा, दादरी गांव के किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। एसएमएस (पौधा संरक्षण), एसएमएस (गृह विज्ञान) और एसएमएस (बागवानी) ने किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों जैसे गंजीवामृत जीवामृत बीजामृत नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र अग्निआस्त्र, दशपर्णी, मल्चिंग, वापसा, मिश्रित फसल और अंतर-फसल आदि के बारे में बताया।


महिला किसान मेला एवं गोष्ठी

बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा के अन्तर्गत संचालित के0वी0के0, महोबा के प्रांगण में ‘‘महिला सशक्तिकरण: स्वावलम्बी समाज का आधार’’ विषय पर एक दिवसीय महिला किसान मेला एवं गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि निदेशक प्रसार, डा0 एन0के0 बाजपेयी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कहा किसान मेले का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्तिकरण कर उन्हें पुरूषों के साथ समान्तर खड़ा करना है। जिससे एक परिवार समृधि सुनिश्चित करने के लिए एक मूलभूत कदम है। किसी भी समाज को सभ्य समाज का दर्जा तब तक प्राप्त नहीं होता सकता जब तक उस समाज की नारी का सशक्तिकरण न हो जाये। उन्होंने कहा कि जब तक प्रत्येक नारी को निर्णय लेने की स्वतन्त्रा नहीं होगी तब तक महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं हो सकती हैं। उन्होंने महिलाओं से अपील कि आप लोग अपने आपको स्वतन्त्र बनाने की पुरूजोर कोशिश करना चाहिए। जिससे कि आप अपना निर्णय स्वयं ले सकें साथ ही बिना किसी पारिवारिक व सामाजिक प्रतिबंध के अपने जीवन को सम्भाल कर एक नयी मिसाल के रूप में अपनी पहचान बना सकें। महिलाओं को सशक्ति बनाने के लिए दुनिया निश्चित रूप से लैंगिक समानता का गवाह बनेगी। समाज के हर तबके की महिलाओं को खड़े होने और अपनी इच्छा के अनुसार अपना जीवन चलाने में मदद होगी। उन्होेंने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को उद्यमिता विकास के लिए जोर दिया। विशिष्ट अतिथि श्रीमती आशा तिवारी, आकाशवाणी गायक ने महिलाओं को घर से बाहर निकलकर नयी पहचान एवं अपनी प्रतिभा को निखारने का आह्रवान किया तथा पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की जरूरत हैै। सुश्री आदिबा खान ने कहा कि महिलाएं बिना किसी भेदभाव के पूर्ण स्वतन्त्रा के साथ निर्भीक होकर विकास के पथ को अपनाते हुए आत्मनिर्भर बनकर देश के उत्थान में सहायक बने। केन्द्र के प्रभारी, डा0 एस0पी0 सोनकर ने केन्द्र पर चल रही प्रसार गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। डा0 प्रज्ञा ओझा ने महिला किसान मेला में कहा कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य बुन्देलखण्ड की महिलाओं में कृषि सम्बन्धी नवीन तकनीकी के प्रति जागरूकता पैदा करना, कृषि में महिलाओं की भागदारी बढाना तथा उनकी अभियुक्ति व प्रतिभा को निखारना है। डा0 एस0बी0 ने भी विचार रखे। इस अवसर पर कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु 10 महिला कृषकों को अंगवस्त्र एवं प्रशस्त्रि पत्र देकर सम्मानित किया गया। महिला कृषकों हेतु रंगोली, मेंहदी, नृत्य, गायन व श्रीअन्न आधारित व्यंजन आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली महिलाओं/युवतियों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। डा0 अमृता सिंह, वि0व0वि0 गृह विज्ञान ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूह का गठन, मोटे अनाज की उपयोगिता, बाल्य सुरक्षा एवं स्वास्थ्य जागरूकता तथा खाद्य प्रसंस्करण से उद्यमिता विकास हेतु जागरूक किया। कार्यक्रम के अन्त में डा0 रजनीश चन्द्र मिश्रा ने सभी अतिथियों एवं महिला कृषकों का धन्यवाद् ज्ञापन किया। कार्यक्रम का सचंालन डा0 बृजेश पाण्डेय एवं द्वारा किया गया। इस मौके पर केन्द्र के श्री सौरभ शुक्ला, श्री दिवाकर मौर्या , श्रीमती अलका मिश्रा, श्रीमती अनीता सिंह सहित लगभग दो सौ महिलाएं उपस्थिति रहीं


वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक 02.12.2023

दिनांक ०२.१२.२०२३ को कृषि विज्ञानं केंद्र महोबा पर वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया . इस बैठक की अध्यक्षता माननीय कुलपति डा० एन० पी० सिंह बाँदा कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय बाँदा द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में की गयी . मुख्य अतिथि ने डीप प्रज्जवलित कर वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का शुभारम्भ किया. कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह ने जनपद की तकनीक विकास से दक्ष करने के लिए नवीन तकनिकी पर जोर देते हुए कहा कि जनपद में पानी कि कमी को देखते हुए फसलों कि अल्प कि प्रजातियों जो क्षेत्र अनुकूलित हो उनको किसानो के बीच व्यापक रूप में प्रचार प्रसार करते हुए जम्में स्टार पर कार्य किया जाए. उन्होंने हाई टेक नर्सरी , ड्रैगन फ्रूट, फ़ूड नुट्रिशन सहित अन्य तकनीक पर प्रकाश डाला . उन्होंने जनपद हेतु उपयुक्त मोठे अनाजों, औषधियों एवं सुगन्धित पौधों के दृतीयक उत्पादों को तैयार करने और उनके विपड़नकिसान किसान उत्पादक संगठनों द्वारा ब्रांड बनाकर करने कि सलाह दी तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण युवक युवतियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण करने पर बल दिया .


किसान मेला, बीयूएटी, बांदा

किसान मेला, बीयूएटी, बांदा


स्वच्छता पखवाड़ा 2023

कृषि विज्ञान केंद्र, महोबा द्वारा दिनांक 26.09.2023 को विद्यालय श्री हरवंश राठौर इंटर कॉलेज, जैतपुर में स्वच्छता पखवाड़ा 2023 प्रतिज्ञा गतिविधि का आयोजन किया गया। जिसमें 284 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। स्वच्छ भारत शपथ • महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी। • महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ कर भारत माता को आजाद कराया। • अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करे। • मैं शपथ लेता / लेती हूँ कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा / रहूंगी और उसके लिए समय दूंगा / दूंगी। • हर वर्ष 100 घंटे यानी हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करूंगा / करुँगी। • मैं न गंदगी करूंगा / करुँगी न किसी और को करने दूंगा / दूंगी । • सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गांव से एवं मेरे कार्य स्थल से शुरूआत करूंगा / करुँगी । • मैं यह मानता / मानती हूँ कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं, उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और ना ही होने देते हैं। • मैं आज जो शपथ ले रहा / रही हूं, वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाऊंगा / करवाऊंगी कि वे भी मेरी तरह स्वच्छता के लिए 100 घंटे दें, इसके लिए प्रयास करूंगा / करुँगी। • इस विचार के साथ में गांव-गांव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा / करुँगी। • मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।


बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा द्वारा विशाल किसान मेला का आयोजन दिनांक 27-29 अक्टूबर, 2023 को किया जा रहा है।

बुंदेलखण्ड के सभी किसान भाइयों व अन्य नागरिकों से अनुरोध है कि मेला में अवश्य पधारें और नवीनतम कृषि तकनीकियों के बारे में जानकारी लेकर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें। मेला के विषय में अधिक जानकारी हेतु बुकलेट देखें।


राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अन्तर्गत नामक परियोजना प्रशिक्षण कार्याशाला

राष्ट्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, मथुरा तथा बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अन्तर्गत नामक परियोजना बुन्देलखण्ड के जनपद बाँदा तथा महोबा के ग्रामीण क्षेत्रो “Development of Goat Value Chain in Bundelkhand Region of Uttar Pradesh” में संचालित हो रही है। जिसके अन्तर्गत ग्रामीण बकरी पालकों हेतु एक वैज्ञानिक मूल्य श्रंखला का निर्माण किया जा रहा है। बकरी पालन के व्यवसाय से जुड़े समस्त हितधारकों किसानों,पशुपालन विभाग, बकरी पालक किसान, बकरी व्यापारी, पशु आहार विक्रेता, पशु दवाई विक्रेता आदि हेतु प्रशिक्षण कार्याशाला कृषि विज्ञान केंद्र, बेलाताल, महोबा के सभागार में दिनाँक 15 सितम्बर, 2023 को आयोजित हुई।


एमआईडीएच परियोजना के तहत सुगंधित फसलों में जैविक आदानों की तैयारी और अनुप्रयोग पर कैंपस प्रशिक्षण

एमआईडीएच परियोजना के तहत सुगंधित फसलों में जैविक आदानों की तैयारी और अनुप्रयोग पर कैंपस प्रशिक्षण का आयोजन डॉ. ब्रिजेश पांडे एसएमएस (बागवानी), केवीके, महोबा द्वारा किया गया था। किसानों को जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत, दासपर्णी, भर्मास्त्र, नीमास्त्र आदि जैसे जैविक इनपुट की तैयारी और अनुप्रयोग के बारे में प्रशिक्षित किया गया। किसानों को तरल खाद तैयार करने के लिए प्लास्टिक ड्रम, साइकिल वीडर, एचडीपीई पोर्टेबल वर्मी बेड, बैटरी स्प्रेयर जैसे विभिन्न इनपुट भी प्रदान किए गए। और कुदाल, दरांती, कुल्हाड़ी जैसे कृषि उपकरण। भाग लेने वाले किसान डीएएसडी प्रायोजित एमआईडीएच योजना के तहत जैविक तुलसी की खेती पर फ्रंटलाइन प्रदर्शन आयोजित करने वाले गठित समूह के सदस्य हैं।


पोषण बागवानी पर कृषक महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

प्रतिभागियों को पोषण बागवानी के महत्व और इसके लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए पोषण बागवानी पर कृषक महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम 8/9/2023 को आयोजित किया गया था।


कृषि विज्ञान केन्द्र बेलाताल में 15 अगस्त समारोह

केवीके, महोबा ने किसानों के लिए "मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। इस अभियान के तहत शिलाफलकम (स्मारक) का समर्पण, पंचप्राण प्रतिज्ञा, वसुधा वंदन, वीरों का वंदन, राष्ट्रीय ध्वज की मेजबानी और मिट्टी कलश की स्थापना कार्यक्रम आयोजित किए गए।


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निनिध की 14वीं किश्त के वितरण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण.

बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा के प्रशासनिक नियंत्रण में कृषि विज्ञान केन्द्र, महोबा द्वारा आज दिनांक 27.07.2023 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निनिध की 14वीं किश्त के वितरण कार्यक्रम का सजीव प्रसारण कराया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ब्लाक प्रमुख श्री संदीप सिंह राजपूत एवं भाजपा जिला उपाध्यक्ष, महोबा श्री महेन्द्र सिंह राजपूत उपस्थित रहे। इस अवसर पर मान्नीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसान सम्मान निधि की 14वीं किश्त के रूप में 8.5 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 17,500 करोड़ से अधिक की राशि का हस्तान्तरण किया गया, 1.25 लाख प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्रों का उद्घाटन किया गया। इसके साथ सल्फर कोटेड यूरिया, 05 मेडिकल कॉलेज, 06 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और 01 केन्द्रीय विद्यालय का उद्घाटन किया गया। 07 अन्य मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया गया। मुख्य अतिथि श्री संदीप राजपूत जी ने कृषकों को नई संचार नीतियों, नवीन तकनीकियों, नई प्रजातियों, नई योजनाओं की जानकारी हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़ने के लिये जागरूक किया। श्री महेन्द्र सिंह राजपूत जी ने कृषकों को किसान सम्मान निधि, नीम कोटेड यूरिया, सल्फर कोटेड यूरिया तथा सरकार की किसान के प्रति समर्पण के बारे में चर्चा की। कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डॉ0 एस0पी0 सोनकर ने केन्द्र पर चल रहे विभिन्न परियोजनाओं के बारे में कृषकों को अवगत कराया। कृषकों को अधिक से अधिक कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़ने के लिये आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र एवं इसके समस्त स्टाफ हमेशा कृषकों के हित में समर्पित रहेगा। इस अवसर पर एम.आई.डी.एच. योजनान्तर्गत कृषकों को सागरिका, ट्राइकोडर्मा एवं एन0पी0के0 कान्सोटिया आदि का वितरण किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 बृजेश पाण्डेय, विषय वस्तु विशेषज्ञ (उद्यान) के द्वारा किया। उन्होंने एम.आई.डी.एच. योजनान्तर्गत तुलसी उत्पादन हेतु कृषकों को जागरूक किया। इस अवसर पर गृह वैज्ञानिक डॉ0 अमृता सिंह ने मूल्य संवर्धन पर कृषकों को जानकारी दी। फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ0 रजनीश चन्द्र मिश्रा ने फसलों में लगने वाले कीट, पतंगों के बारे में जानकारी दी। अवसर पर 103 कृषक बन्धु उपस्थित रहे।


राष्‍ट्रीय एफपीओ मेगा कान्‍क्‍लेव 2023

कृषि विज्ञानं केंद्र, महोबा पर आज दिनांक 14.07.2023 को आयोजित की गयी राष्‍ट्रीय एफपीओ मेगा कान्‍क्‍लेव 2023 में ऑनलाइ्रन Youtube टी वी के माध्‍यम से कार्यक्रम में के वि के , महोबा द्वारा गठित जैतपुर किसान जैविक उत्पादक संगठन सहकारी समिति लि ० जैतपुर , महोबा एफपीओ के ४६ सदस्यों को जोड़ा गया।


वृहद् वृक्षारोपण कार्यक्रम ।

कृषि विज्ञानं केंद्र, बेलाताल द्वारा आज दिनाँक 10. 07. 2023 को अतरपाठा गाँव में वृहद् वृक्षारोपण के अंतर्गत 1430 वृक्षों का वितरण एवं रोपण किया गया।


अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

आज दिनांक 21 जून, 2023 को केन्द्र पर अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के 9वें संस्करण कार्यक्रम का आयोजन गया। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर क्षेत्र के 100 से अधिक लोगों द्वारा प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के महत्व एवं प्रसंागिकता पर प्रकाश डाल गया। साथ ही वैश्विक स्तर पर इस वर्ष योग दिवस की थीम वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग पर भी चर्चा की गयी। कार्यक्रम में योग के द्वारा निरोगी काया और स्वस्थ्य मस्तिष्क के विषय मंे भी बात की गयी। कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने विभिन्न योगासनों जैसे सूर्य नमस्कार, कपाल भाति, अनुलोम विलोम, भस्तृका, आनन्द आसन इत्यादि का अभ्यास किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों, किसानो एवं केन्द्र के अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा प्रतिदिन योग करने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे मंे बताते हुए केन्द्र उद्यान, विषय वस्तु विशेषज्ञ, डा0 ब्रजेश पाण्डेय द्वारा बताया गया कि वर्ष 2014 के सितम्बर माह में मा0 प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वंे सत्र में अपने संबोधन के दौरान योग दिवस पर विचार प्रस्तावित किया था। जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया एवं वर्ष 2015 से 21 जून को प्रतिवर्ष योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों द्वारा लिया गया। उन्होेंने बताया कि योग दिवस 21 जून को इसलिए तय किया गया क्यांेकि 21 जून को उत्तरी गोलार्ध का सबसे लम्बा दिन होता है जिसके बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है एवं इसका तेज कम होने से वातावरण में कीटाणु उत्पन्न होने लगते हैं जिससे लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में योग द्वारा तन मन को स्वस्थ्य रखने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनायी रखी जा सकती है। सभी प्रतिभागियों द्वारा कार्यक्रम में हर्षोल्लास से प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के अंत में डा0 रजनीश मिश्रा, विषय वस्तु विशेषज्ञ, पादप सुरक्षा द्वारा सभी को धन्यवाद देते हुए योग के प्रति समाज में जागरूकता लाने का आह्रवान किया। कार्यक्रम में श्री रवि नारायण दास, श्री सुशील कुमार, श्री दीपेन्द्र, श्री हीमांशु, श्री शकील खान, श्री नरेन्द्र कुशवाहा इत्यादि ने सहयोग प्रदान किया।


महोबा कृषि संदेश

महोबा कृषि संदेश : अंक 7 (पार्ट 1)


महोबा कृषि संदेश

महोबा कृषि संदेश : अंक 7 (पार्ट 2)


सार्वजनिक सूचना (मटर व मसूर के खराब बीज नीलामी प्रक्रिया)

आप सभी को सूचित किया जाता है कि दिनांक 12.04.2023 (बुधवार) कोचना, मटर व मसूर के खराब बीज को सक्षम अधिकारी के अनुमोदनोपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि नीलामी द्वारा विक्रय किया जाये। जिसमें नीलामी प्रक्रिया में सहभाग करने हेतु रू0 5000.00 की सुरक्षा धनराशि के रूप में दिनांक 11 अप्रैल, 2023 तक जमा करना आवश्यक है अतः आप उपरोक्त तिथि पर उपस्थित रहकर नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने का कष्ट करें।


Requirement for CEO (Chief Executive Officer) & Accountant for FPO (Jaitpur Kisan Jaivik Sangathan Sahkari Samiti Ltd. jaitpur) CBBO Krishi Vigyan Kendra,Belatal, Mahoba

1. CEO(Chief Executive Officer) i. Graduation in Agri Bussiness Management. ii. 2 Year's Marketing experience Salary :- 25000/- per month 2. Accountant i. Graduation ii. Experience in maintaining Accounts & Ledger Salary:- 10000/- per month Submit Biodata with testimonials upto 10th April, 2023 on KVK, Belatal, Mahoba mail (kvkmahoba@gmail.com) President: Rajendra Kumar Tripathi, Atarpatha


अन्र्तराष्ट्रीय “श्रीअन्न (मिलेट्स) सम्मेलन“ (प्राकृतिक खेती के अवसर के लिए श्रीअन्न) कार्यक्रम

दिनांक 18.03.2023 को कृषि विज्ञान केन्द्र, बेलाताल, महोबा में अन्र्तराष्ट्रीय “श्रीअन्न (मिलेट्स) सम्मेलन“ (प्राकृतिक खेती के अवसर के लिए श्रीअन्न) कार्यक्रम, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के तत्वाधान में आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम मे मान्नीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सजीव प्रसारण के माध्यम से किसानों को सम्बोधित किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र पर किसानों हेतु सजीव प्रसारण देखने की व्यवस्था की गई।इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं एवं पुरूष कृषको को सम्बोधित करते हुए केन्द्र की प्रभारी वैज्ञानिक डा0 अमृता सिंह ने बताया कि भारत सरकार वर्ष-2023 को श्रीअन्न (मिलेट्स) के रूप में मना रही है। प्राकृतिक खेती पर चर्चा करते हुए बताया कि इस पद्धति से प्राप्त उत्पाद रासायनों के दुस्प्रभाव से मुक्त होते हैं। इस पद्धति को अपनाकर किसान रासायन मुक्त उत्पादन कर सकते है और भविष्य में बेहतर आय अर्जन भी कर सकते है।उन्होने श्रीअन्न (मोटे आनाज) जैसे- ज्वार, बाजारा रागी, सांवा, कोदो, कंगनी, कुटकी व चेना के पोषण लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि सभी को देसी अनाजों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। इस अभियान में लोगो को पोषण के महत्व के बारे में शिक्षित करने के साथ-2 उन्हे एक स्वस्थ्य और अच्छी जीवन शैली जीने के लिए प्रेरित किया। साथ ही बताया कि क्षेत्रीय अनाजों, दालों, फलों, सब्जियों को प्रतिदिन की भोजन थाली में सही रूप से सम्मिलित करके एक रोचक एवं पोषक थाली बनायी जा सकती है क्योकि खान पान शारीरिक तथा दिमागी सेहत के लिए महत्वपूर्ण होता है। हर घर में पोषण वाटिका को स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। साथ ही जोर दे कर कहा कि बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाऐं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं मे पोषण की कमी को सुधारने को प्रमुख लक्ष्य समझा जाये तथा क्षेत्र को कुपोषण मुक्त बनाने में सभी लोग सहयोग प्रदान करें।


गौ-आधारित प्राकृतिक खेती योजनान्तर्गत जनपद में कृषि विभाग द्वारा गठित प्राकृतिक खेती कलस्टर के कृषकों हेतुप्रदर्शन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम

केन्द्र पर दिनांक 04 मार्च, 2023 को बुन्देलखण्ड में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती योजनान्तर्गत जनपद में कृषि विभाग द्वारा गठित प्राकृतिक खेती कलस्टर के कृषकों हेतुप्रदर्शन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें भाग लेने वाले 200 किसानों को गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की तकनीकी के बारे में बताया गया। केन्द्र कीप्रभारी वैज्ञानिक डा0 अमृता सिंह द्वारा उक्त प्रशिक्षण में किसानों को सम्बोधित करते हुए गौ-आधारित प्राकृतिक खेती पर चर्चा करते हुए बताया कि इस पद्धति से प्राप्त उत्पाद रासायनों के दुस्प्रभाव से मुक्त होते हैं। इस पद्धति को अपनाकर किसान रासायन मुक्त उत्पादन कर सकते है और भविष्य में बेहतर आय अर्जन भी कर सकते है। उन्होने श्री अन्न (मोटे आनाज) जैसे- ज्वार, बाजारा रागी, सांवा, कोदो, कंगनी, कुटकी व चेना के पोषण लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि इन आनाजों को भोजन में सम्मिलित करने से विभिन्न प्रकार की जटिल बीमारियों से बचाव के साथ-2 बेहतर पोषण भी प्राप्त होता हैं। इस प्रकार के खाद्यानों की मांग वैश्विक स्तर पर भी बढ़ रही है, अतः किसान भाई प्रतिकूल जलवायु में कम प्रभावित होने वाले इन आनाजों की खेती कर लाभ प्राप्त कर सकते है। केन्द्र के वैज्ञानिक डा0 बृजेश पाण्डेय द्वारा उक्त प्रशिक्षण में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के लिए विभिन्न प्रकार के आदान जैसे-जीवामृत, घनजीवमृत, नीमास्त्र, बीजामृत इत्यादि बनाने का तकनीकी के बारे में बताया। उन्होने कहा कि इस पद्धति को अपनाने से जनपद में गोवंश संवर्धन के साथ-2 किसानों की लागत भी कम होगी।


मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को 13वीं0 किस्त दिनांक 27.02.2023

कृषि विज्ञान केन्द्र, बेलाताल महोबा में दिनांक 27.02.2023 को मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को 13वीं0 किस्त राशि रू0 16800 करोड़ से अधिक की राशि किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत पात्र किसान परिवारों के खातों मे भेजी गयी।जिसमें विभिन्न गांवों के किसान बंधुओं ने भाग लेकर मा0 प्रधानमंत्री के सम्बोधन को सुनकर कार्यक्रम को सफल बनाया। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करना है। साथ ही प्राकृतिक कृषि जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि द्वारा द्वीप प्रज्ज्वल के साथ आरम्भ किया गया। केन्द्र की डा0 अमृता सिंह द्वारा कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य के बारे में बताया तथा किसानों को श्री अन्न (मोटे अनाजो) जैसे- ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, कुटकी, चेना आदि को कृषि में सम्मिलित करने के साथ-2 अपने भोजन मे शामिल करने पर बल दिया। केन्द्र के वैज्ञानिक डा0 बृजेश पाण्डेय द्वारा प्राकृतिक खेती पर प्रकाश डालते हुए किसानों से कहा कि भूमि में जैव कार्बन की उपलब्धता बढाकर ही प्राकृतिक खेती में सफलता पायी जा सकती हैं। मृदा में निरन्तर तरल प्राकृतिक खादों जैसे- जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य, अमृत पानी, गोमूत्र, संजीवनी, इत्यादि का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि स्वस्थ मृदा ही जैविक खेती का मूल-भूत आधार हैं। कार्यक्रम में वैज्ञानिक, अन्य सहयोगी कर्मचारीगण एवं 85 कृषकों ने प्रतिभाग किया।


विश्व दलहन दिवस दिनांक 10 फरवरी, 2022

केन्द्र पर दिनांक 10 फरवरी, 2022 को विश्व दलहन दिवस के अवसर पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री जय प्रकाश अनुरागी, सदस्य, अध्यक्ष, जिला पंचायत, महोबा, श्री राजेश सिंह सेंगर, पूर्व सदस्य, माननीय प्रबंध परिषद, बी0यू0ए0टी0, बाँदा, श्री संदीप राजपूत, ब्लाक प्रमुख, जैतपुर विकासखण्ड, श्री अभय कुमार सिंह, कृषि निदेशक, महोबा, डा0 एस0बी0 सिंह, प्रभारी अधिकारी, आर.ए.आर.एस., बेलाताल एवं केन्द्र के समस्त वैज्ञानिक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहें। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि द्वारा द्वीप प्रज्ज्वल के साथ आरम्भ किया गया एवं केन्द्र कीछःमासिक पत्रिका कृषि संदेश का विमोचन किया गया। इसके पश्चात केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा0 मुकेश चन्द द्वारा कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य के बारे में बताया कि इस जनपद में, केन्द्र पर भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर द्वारा चलाई जा रही दलहन सीड हब योजना में कृषक प्रक्षेत्रों पर उच्च उत्पादकता देने वाली उन्नत प्रजातियों का बीज उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जहाँ एक ओर पिछले दो-तीन वर्षों में मूंग, उर्द, अरहर खरीफ ऋतु में तथा चना, मटर, मसूर रबी मौसक लगाने से नवीन प्रजातियों के प्रयोग से पैदावार में आशातीत वृद्धि हुई है। वहीं दूसरी ओर मटर की आई.पी.एफ.डी. 10-12, आई.पी.एफ.डी. 12-2, चने की जे.जी.-14, आर.वी.जी. 202 व 203 तथा मसूर की आई.पी.एफ. 315 एवं 220 प्रजातियाँ मुख्य हैं। परन्तु मौसम की बेरूखी से उत्पादन घटा है। नई प्रजातियों के बीज उत्पादन में जहाँ एक ओर उत्पादन बढ़ा है। वहीं दूसरी ओर कृषकों की आय में दो-तीन गुना तक वृद्धि सुनिश्चित हो चुकी है। जनपद की फसल सघनता में वृद्धि करने के लिये आवश्यक है कि खरीफ एवं जायद में दलहन का रकबा बढ़ाया जाये, जिसमें सूखा सहनशील रोग प्रतिरोधी एवं कम अवधि में पकने वाली प्रजातियों को वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया जा रहा है, जिसमें उर्द व मूंग में पीला चित्रवर्ण, चने व मसूर में उकठा अवरोधी प्रजातियों एवं उत्पादन तकनीकों का प्रयोग करने, मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरक प्रयोग करने पर बल दिया। जिले के लिये संस्तुत नवीन प्रजातियों के बारे में विस्तृत चर्चा की।


ग्रीष्मकालीन सब्जियों की उन्नत खेती विषय पर कृषकों हेतु आफ कैम्पस प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केन्द्र, बेलाताल, महोबा द्वाराग्राम लमौरा में उद्यान विषयक पर ग्रीष्मकालीन सब्जियों की उन्नत खेती विषय पर कृषकों हेतु आॅफ कैम्पस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में किसानांे को सम्बोधित करते हुए केन्द्र के अध्यक्ष डा0 मुकेश चन्द ने किसानों से उद्यानिक फसलों को अपनाकर अपनी आय बढाने के बारे में चर्चा की। उन्होने औद्यानिक फसलों हेतु वैज्ञानिक मृदा प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया साथ ही यह भी बताया कि कैसे विगत वर्षो में किसानों ने वैज्ञानिक पद्धतियों का लाभ लेते हुए जनपद में अपनी आय में वृद्धि की है। साथ ही उन्होने सब्जी उत्पादक कृषको से भूमि में पोषक तत्व तथा कीट बीमारी प्रबंधन हेतु प्राकृतिक तकनीकी जैसे- जीवामृत, घनजीवमृत, दशपर्णी, नीमास्त्र इत्यादि का प्रयोग करने की सलाह दी और इन्हे बनाने की तकनीकी के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण में केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक डा0 बृजेश पाण्डेय द्वारा किसानों को ग्रीष्मकालीन सब्जियों की विभिन्न प्रजातियों के चयन, पौधशाला तकनीकी, देखरेख, सिंचाई प्रबंधन, पोषक तत्व प्रबधंन इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होने किसानों को खेत में समेकित प्रबंधन हेतु नीम की खली, केंचुआ खाद, कीट प्रबंधन हेतु गन्ध फाॅस फन्दो के प्रयोग से होने वाले लाभ व इन्हे प्रयोग करने की विधियों के बारे में बताया। इस मौसम में कद्दू वर्गीय फसलों में लगने वाले लाल भृंग कीट के प्रबंधन हेतु ग्रीष्मकालीन जुताई व नीम की खली व राख के प्रयोग पर जोर दिया और फल मक्खी से फसल को बचाने के लिए गंधफांस फंदों (फेरोमैन ट्रैप) प्रयोग करने की जानकारी दी।


दिनांक 3-4, व 6-7, जनवरी, 2023 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-प्राकृतिक खेती विस्तारीकरण परियोजनान्तर्गत दो दिवसीय प्राकृतिक खेती तकनीकी प्रशिक्षण

केन्द्र पर दिनांक 3-4, व 6-7, जनवरी, 2023 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-प्राकृतिक खेती विस्तारीकरण परियोजनान्तर्गत दो दिवसीय प्राकृतिक खेती तकनीकी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की तकनीकी के बारे में किसानों को प्रशिक्षित किया गया। केन्द्र के अध्यक्ष डाॅ0 मुकेश चन्द द्वारा उक्त प्रशिक्षण में किसानों को सम्बोधित करते हुए प्राकृतिक खेती के लाभ गिनाये एवं उन्होने बताया कि रासायन मुक्त उत्पादन वाले खाद्य पदार्थो की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कृषि में हो रहे अंधाधुंध रासायनों के प्रयोग के दुस्प्रभाव अब दिखने लगे है, जोकि विभिन्न प्रकार की प्राण घातक बीमारियों के रूप में सामने आ रहे है। इन दुस्प्रभाव से बचने के लिए प्राकृतिक खेती एक कारगर विकल्प है, जिसे अपनाकर किसान रासायन मुक्त उत्पादन कर सकते है और भविष्य में बेहतर आय अर्जन भी कर सकते है।


किसान सम्मान दिवस दिनांक 23.12.2022

आज दिनांक 23.12.2022 को केन्द्र द्वारा भूतपूर्व प्रधानमंत्री मा0 चैधरी चरण सिंह जी के जन्म दिवस के अवसर पर किसान सम्मानदिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्र पर एक किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यो के लिए कृषकों एवं कृषि क्षेत्र के उद्यम में कार्य कर रहे 80 प्रगतिशील कृषक एवं कृषक महिलाओं को सम्मानित किया गया। जिनमें जैतपुर से श्रीमती आशिया बेगम को पशुपालन, दादरी से श्रीमती शोभारानी को औषधीय फसलों के उत्पादन में बेहतरीन कार्य के लिए, श्रीमती सुनीता ग्राम पचारा को प्रसार कार्य, कैथौरा से श्री नन्द किशोर को जल संरक्षणके लिए, लाड़पुर से श्री हर प्रसार को अमरूद उत्पादन में सराहनीय कार्य हेतु एवं अन्य सभी प्रगतिशील कृषकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।